करवा चौथ 2025: सुहागनों का प्यार और विश्वास का पवित्र त्यौहार

करवा चौथ 2025 सुहागनों के प्यार, विश्वास और समर्पण का पवित्र त्यौहार है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

करवा चौथ 2025: सुहागनों का प्यार और विश्वास का पवित्र त्यौहार
करवा चौथ 2025: सुहागनों का प्यार और विश्वास का पवित्र त्यौहार छवि

करवा चौथ 2025 का पर्व हर साल की तरह इस बार भी देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत पवित्र और आस्था से जुड़ा हुआ है। इस दिन सुहागन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं, बल्कि यह प्यार, समर्पण और अटूट विश्वास का प्रतीक है।

1. करवा चौथ 2025 की तिथि और महत्व

करवा चौथ 2025 का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा। यह दिन हर सुहागन के लिए अत्यंत पवित्र होता है क्योंकि इस दिन वह अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत स्त्री के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।

2. व्रत की शुरुआत — सरगी से

सुबह सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सरगी के सेवन से व्रत की शुरुआत होती है। सरगी में फल, मिठाई, सूखे मेवे और पारंपरिक व्यंजन होते हैं। यह परंपरा सास-बहू के रिश्ते में प्रेम और सम्मान को दर्शाती है।

3. दिनभर का निर्जला व्रत

इस व्रत की विशेषता यह है कि महिलाएँ सूर्योदय से चंद्रोदय तक बिना पानी और भोजन के रहती हैं। यह कठिन व्रत महिलाओं के संकल्प, श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। पूरा दिन महिलाएँ भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की उपासना करती हैं।

4. शाम की पूजा और कथा श्रवण

शाम के समय महिलाएँ सुंदर पारंपरिक वेशभूषा में सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके बाद वे करवा, दीपक, और पूजा की थाली सजाकर मिलकर करवा चौथ की कथा सुनती हैं। इस कथा में एक स्त्री के समर्पण और उसके विश्वास की शक्ति का वर्णन होता है।

5. चाँद को अर्घ्य और व्रत खोलना

जब चाँद निकलता है, तो महिलाएँ छलनी से पहले चाँद और फिर अपने पति का चेहरा देखती हैं। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत खोलती हैं। यह पल प्रेम और विश्वास का सबसे सुंदर प्रतीक होता है।

6. सामाजिक और आधुनिक महत्व

आज के समय में करवा चौथ केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि प्यार और समानता का उत्सव बन चुका है। कई पति भी अपनी पत्नियों के लिए व्रत रखते हैं, जिससे यह त्यौहार और भी विशेष बन जाता है।

निष्कर्ष

करवा चौथ 2025 का यह पवित्र त्यौहार हर सुहागन के लिए प्रेम, आस्था और समर्पण का प्रतीक है। यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्चा रिश्ता सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि विश्वास और भावना से बनता है। चाँद की रौशनी और सुहागन के चेहरे की मुस्कान इस त्योहार को और भी मनमोहक बना देती है।