जैसलमेर अग्निकांड घर लौटते यात्रियों की चीखों में समाई दिवाली की दहशत

जैसलमेर अग्निकांड में दिवाली की खुशियां मातम में बदल गईं। घर लौटते यात्रियों की चीखों ने पूरे राजस्थान को दहशत में डुबो दिया।

जैसलमेर अग्निकांड घर लौटते यात्रियों की चीखों में समाई दिवाली की दहशत
जैसलमेर अग्निकांड घर लौटते यात्रियों की चीखों में समाई दिवाली की दहशत छवि

जैसलमेर अग्निकांड: घर लौटते यात्रियों की चीखों में समाई दिवाली की दहशत

राजस्थान के जैसलमेर जिले में दिवाली से ठीक पहले हुआ भीषण अग्निकांड पूरे प्रदेश को हिला गया। जो लोग अपने घरों को लौट रहे थे ताकि अपने परिवार के साथ त्योहार मना सकें, वे अब इस हादसे का शिकार बन गए। आइए जानते हैं इस दर्दनाक घटना से जुड़ी मुख्य बातें —

1. घर वापसी की खुशियां बनी मौत का सफर

दिवाली की छुट्टियों के चलते बस में सवार यात्री अपने-अपने घरों को जा रहे थे। सभी के चेहरों पर खुशियां थीं, लेकिन अचानक यह सफर डर और तबाही में बदल गया।

2. शॉर्ट सर्किट से लगी आग

जैसलमेर के पास चलती बस में अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ। कुछ ही पलों में बस में धुआं भर गया और फिर आग की लपटों ने पूरे वाहन को अपनी गिरफ्त में ले लिया।

3. यात्रियों की चीखें गूंज उठीं

आग लगते ही बस में अफरा-तफरी मच गई। यात्री दरवाजों और खिड़कियों से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। कुछ ने खिड़कियों के शीशे तोड़कर खुद को बचाया, लेकिन कई लोग अंदर ही फंस गए।

4. स्थानीय लोगों ने बचाई कई जानें

घटना स्थल के पास मौजूद ग्रामीणों ने बिना देरी किए मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। उन्होंने पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की और कई यात्रियों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।

5. प्रशासन और दमकल की त्वरित कार्रवाई

सूचना मिलते ही दमकल विभाग और पुलिस मौके पर पहुंची। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

6. सरकार ने की जांच और मुआवजे की घोषणा

राज्य सरकार ने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता और घायलों के नि:शुल्क इलाज की घोषणा की गई है।

7. सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल

यह हादसा परिवहन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। पुरानी बसों की जांच, फायर सेफ्टी उपकरणों की अनुपस्थिति और लापरवाही ने कई जिंदगियां छीन लीं।

8. दिवाली की रौशनी में अंधकार

जहां लोगों के घरों में दीपक जलने थे, वहां अब मातम और सन्नाटा पसरा है। जैसलमेर अग्निकांड ने दिखा दिया कि एक पल की लापरवाही कैसे खुशियों को गम में बदल सकती है।

यह घटना न केवल एक त्रासदी है, बल्कि एक चेतावनी भी — कि सुरक्षा के बिना सफर, कभी सुरक्षित नहीं हो सकता।